पराशर
बचपन में गाँव की पाठशाला में पढ़ते समय छुट्टी के पहने मुहानी होती थी। एक विद्यार्थी खड़ा होकर गिनती और पहाड़े कहता था और शेष सब दोहराते थे। उस समय
बचपन में गाँव की पाठशाला में पढ़ते समय छुट्टी के पहने मुहानी होती थी। एक विद्यार्थी खड़ा होकर गिनती और पहाड़े कहता था और शेष सब दोहराते थे। उस समय
15 अगस्त भारतीय इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण दिन है। उस दिन संपूर्ण भारत में स्वतंत्रतोत्सव मनाए गए। सहस्रों वर्षों की दासता के बंधन से मुक्ति का अनुभव किसको आनंदकारी नहीं
बेकारी की समस्या यद्यपि आज अपनी भीषणता के कारण अभिशाप बनकर हमारे सम्मुख खड़ी है किंतु उसका मूल हमारी आज की समाज, अर्थ और नीति व्यवस्था में छिपा हुआ है।
भारतीय जनसंघ ने अपने सम्मुख अखंड भारत का ध्येय रखा है। अखंड भारत देश की भौगोलिक एकता का ही परिचायक नहीं अपितु जीवन के भारतीय दृष्टिकोण का द्योतक है जो
अलग निशान और अलग प्रधान का निर्माण कर जम्मू और कश्मीर के नेता अपनी पृथकतावादी मनोवृत्ति का परिचय पहले ही दे चुके हैं किंतु जो अलग विधान इस राज्य के