स्वातंत्रता स्वयं साध्य नहीं केवल साधन है (भारत का समन्वयवाद ही पूँजीवाद और तानाशाही के दोषों का हल है)
संघ जीवन के शाश्वत् तत्त्वों का उपासक मेरठ। अब से प्राय: तीन हजार वर्ष पूर्व भारतवर्ष के जन-जीवन में कर्म, चेतना, क्रांति-भावना तथा महत्त्वाकांक्षाओं का उदय हुआ था और उस